सरस्वती माँ भजन | Basant Panchami Bhajan

सरस्वती माता को ज्ञान, संगीत, कला और विद्या की देवी के रूप में पूजा जाता है। वे ब्रह्मा जी की मानस पुत्री और वाणी की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। उनके हाथों में वीणा, पुस्तक, माला और वरमुद्रा होती है। सरस्वती माँ का वाहन हंस है, जो विवेक और ज्ञान का प्रतीक है।

Basant Pancham Bhajan

🌹सरस्वती माँ भजन🌹

हे सरस्वती माँ ज्ञान की देवी किरपा करो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो
करुनामई है तू वरदानी कमल तेरे कर साजे है
आनंद मंगल कर देती है जिस घर मात विराजे है,
ज्ञान से तेरे सरस्वती माँ अँध्यारो का नाश हुआ
समृधि आई उस घर माँ जिस घर तेरा वास हुआ
अपनी महिमा से घर मेरा खुशियों से भरो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो

सात सुरों की देवी हो तुम सात सुरों में वास तेरा
सरगम से गूंजे ये धरती सरगम से आकाश तेरा
तेरी किरपा से सरस्वती माँ मंगल सब हो जाता है
जिसके कंठ विराजे माता बिगड़ा भग्य बन जाता है
मेरे भी सारे काज मात तूम पूरण करो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो

वीणा धारनी विपदा हारनी कितनी पावन हो माता
देव ऋषि तुम्हे नमन करे माँ दर्शन तेरा मन भाता
गुनी जनों की हो हित कारी सब को शरण लगाती हु
जिसकी वाणी में बस जाओ माला माल बनाती हो
हम दीं हीन पे मात मेरी तुम ध्यान धरो
देकर वरदान हे मात मेरा अज्ञान हरो

जय जय सरस्वती माता
ज्ञान, वाणी, संगीत की दाता
वीणा वादिनी, विपदा हारिनी
सदा मंगलमय करने वाली

जयकारा लगाइए – “सरस्वती माता की जय!” 🙏
सभी के जीवन में ज्ञान, समृद्धि और सफलता प्रदान करें माता! 🌸

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