पकड़ लो हाथ बनवारी | Pakad Lo Haath Banwari

यह भजन “पकड़ लो हाथ बनवारी” भक्त और भगवान श्रीकृष्ण के बीच के गहरे आध्यात्मिक संबंध को दर्शाता है। यह भजन एक भक्त की हृदयस्पर्शी प्रार्थना है, जिसमें वह अपनी असहायता और पापों के बोझ से दबे मन की व्यथा व्यक्त करता है।

जीवन के भँवर में फंसा यह भक्त, भगवान श्रीकृष्ण से अपनी नैया को पार लगाने की विनती करता है। यह भजन हमें सिखाता है कि जब जीवन की कठिनाइयाँ हमें चारों ओर से घेर लें, तब प्रभु की शरण में जाने से ही वास्तविक शांति और समाधान प्राप्त होता है।

भजन: पकड़ लो हाथ बनवारी 🎵

पकड़ लो हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे।
हमारा कुछ न बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जाएगी॥

पकड़ लो हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे।
हमारा कुछ न बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जाएगी॥

धरी है पाप की गठरी, हमारे सर पे ये भारी।
धरी है पाप की गठरी, हमारे सर पे ये भारी।
वज़न पापों का है भारी, इसे कैसे उठाएंगे॥

पकड़ लो हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे।
हमारा कुछ न बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जाएगी॥

फँसी है भँवर में नैया, प्रभु अब डूब जाएगी।
फँसी है भँवर में नैया, प्रभु अब डूब जाएगी।
खिवैया आप बन जाओ, तो बेड़ा पार हो जाए॥

पकड़ लो हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे।
हमारा कुछ न बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जाएगी॥

तुम्हारे ही भरोसे पर, ज़माना छोड़ बैठे हैं।
तुम्हारे ही भरोसे पर, ज़माना छोड़ बैठे हैं।
ज़माने की तरफ देखो, इसे कैसे निभाएंगे॥

पकड़ लो हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे।
हमारा कुछ न बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जाएगी॥

“पकड़ लो हाथ बनवारी” भजन न केवल एक भक्त की पुकार है, बल्कि यह हमें यह याद दिलाता है कि जब संसार के सारे सहारे टूट जाते हैं, तब ईश्वर ही हमारा अंतिम आश्रय होते हैं। यह भजन श्रद्धालुओं के मन में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अटूट विश्वास और समर्पण की भावना को जागृत करता है। इस भजन के माध्यम से हम समझते हैं कि सच्चा भक्त वही है, जो विपत्तियों में भी प्रभु का हाथ थामे रहने की प्रार्थना करता है।

“राधे कृष्णा! जय श्रीकृष्ण!” 🌺🙏🎶

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