Rama Rama Ratte Ratte Biti Re Umariya गीत भक्ति की गहराई और समर्पण को दर्शाता है। यह शबरी की पवित्र भक्ति और भगवान श्रीराम के प्रति उनकी अपार श्रद्धा को उजागर करता है। गीत में शबरी के प्रतीक्षा भरे जीवन का वर्णन है, जो भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए अपने पूरे जीवन को समर्पित कर देती है। सरल शब्दों में यह गीत प्रेम, समर्पण और ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास का संदेश देता है।

🌸रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया🌸
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
रघुकुल नंदन कब आओगे,
रघुकुल नंदन कब आओगे,
भीलनी की डगरिया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
मैं शबरी भक्ति की जाई, भजन भावना जानूं रे।
राम तेरे दर्शन के हित, वन में जीवन पालूं रे।
चरण कमल से निर्मल कर दो,
दास की झोपड़िया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
रोज सवेरे वन में जाकर, फल चुन-चुन कर लाऊं।
अपने प्रभु के सम्मुख रखकर, प्रेम से भोग लगाऊं।
मीठे-मीठे बेरन की टोकरी,
भर लाई छपड़िया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
श्याम सलोनी मोहिनी मूरत, नैनों बीच बसाऊं।
पद पंकज की रज धर मस्तक, जीवन सफल बनाऊं।
अब क्या प्रभुजी भूल गए हो,
दासी की डगरिया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
नाथ तेरे दर्शन की प्यासी, मैं अब लायक नारी हूं।
दर्शन बिन दो नैना तरसे, सुन लो बहुत दुखारी हूं।
हरि रूप में दर्शन दे दो,
डालो एक नजरिया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
रघुकुल नंदन कब आओगे,
रघुकुल नंदन कब आओगे,
भीलनी की डगरिया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
रामा रामा रटते, रटते बीती रे उमरिया।
यह भजन शबरी की भक्ति और भगवान श्रीराम के प्रति उनकी अनंत श्रद्धा को दर्शाता है। यह हमें प्रेम, धैर्य और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
🌸जय श्रीराम!🌸