Tulsi Mata Ki Aarti: “जय जय तुलसी माता” एक बहुत श्रद्धापूर्ण आरती है जो माता तुलसी की महिमा को भावुक रूप से बताती है। यह आरती तुलसी माता की दिव्यता और पावनता का वर्णन करती है, साथ ही यह भी बताती है कि तुलसी माता सभी जगत की सुखदाता हैं, रोगों से बचाती हैं और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती हैं।
शास्त्रों के अनुसार, तुलसी माता को पूजना पापों को दूर करता है और पुण्य देता है। इस आरती में कहा गया है कि माता तुलसी स्वर्ग में पूजनीय हैं, श्रीहरि के मस्तक पर सुशोभित हैं और उनकी रज से भक्तों को बचाया जा सकता है।
हिन्दू धर्म में तुलसी माता की कथा, भक्ति और महत्व बहुत महत्वपूर्ण हैं। तुलसी के प्रति अपनी श्रद्धा, भक्ति और धन्यवाद को व्यक्त करने का एक मधुर माध्यम यह आरती है।
इस आरती को गाने से घर में शुद्धता, धन और दिव्यता बनी रहती है।

🌺 🌹तुलसी माता की आरती | Tulsi Mata Ki Aarti🌺 🌹
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता.
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता.. मैय्या जय तुलसी माता..
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर.
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता. मैय्या जय तुलसी माता..
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या.
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता. मैय्या जय तुलसी माता..
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित.
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता. मैय्या जय तुलसी माता..
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में.
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता। मैय्या जय तुलसी माता..
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी.
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता. मैय्या जय तुलसी माता..
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता.
🌺 🌹 जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता.. 🌺 🌹