माँ दुर्गा और महिषासुर की लड़ाई | Maa Durga and Mahishasura

आज हम एक खास कहानी सुनेंगे। यह कहानी है माँ दुर्गा की, जो एक बहुत शक्तिशाली और दयालु देवी हैं। माँ दुर्गा को हम सबकी माँ कहते हैं। लोग मानते हैं कि वह धरती, स्वर्ग और पाताल को बुराई से बचाने के लिए आई थीं। वह बहुत अच्छी और प्यारी हैं, और हमेशा हमारी रक्षा करती हैं।

कई साल पहले की बात है। एक राक्षस था, जिसका नाम था महिषासुर। वह बहुत डरावना था। वह आधा भैंसा और आधा राक्षस था। उसकी माँ एक भैंसा राजकुमारी थी, और पिता एक राक्षस राजा था। महिषासुर बहुत चालाक और ताकतवर बनना चाहता था। उसने सोचा कि वह सबसे बड़ा राक्षस बनेगा और सब पर राज करेगा। इसके लिए उसने कई सालों तक बहुत कठिन तपस्या की। वह दिन-रात प्रार्थना करता रहा।

Maa Durga

उसकी तपस्या से ब्रह्मा जी, जो इस दुनिया को बनाने वाले हैं, बहुत खुश हो गए। ब्रह्मा जी ने महिषासुर को बुलाया और कहा, “महिषासुर, मैं तुम्हारी मेहनत से खुश हूँ। तुम्हें एक वरदान दूंगा। बताओ, तुम क्या चाहते हो?” महिषासुर ने कहा, “मुझे ऐसा वरदान दो कि न कोई देवता और न कोई इंसान मुझे मार सके।” ब्रह्मा जी ने कहा, “ठीक है, तुम्हारा वरदान पूरा हुआ।”

वरदान मिलते ही महिषासुर बहुत घमंडी हो गया। उसने सोचा, “अब मुझे कोई नहीं हरा सकता!” उसने धरती, स्वर्ग और पाताल में डर फैलाना शुरू कर दिया। वह हर जगह लोगों को परेशान करने लगा। उसने देवताओं को भी डराना शुरू कर दिया। देवता बहुत डर गए। उन्होंने सोचा, “अब हम क्या करें? महिषासुर को तो कोई हरा ही नहीं सकता!”

देवताओं ने मिलकर ब्रह्मा जी, विष्णु जी और शिव जी से मदद मांगी। ये तीनों बहुत शक्तिशाली देवता हैं। ब्रह्मा जी दुनिया बनाते हैं, विष्णु जी उसकी रक्षा करते हैं, और शिव जी बुराई को खत्म करते हैं। तीनों ने मिलकर सोचा कि हमें कुछ करना होगा। उन्होंने अपनी शक्तियों को मिलाया और एक चमकदार रोशनी बनाई। उस रोशनी से माँ दुर्गा प्रकट हुईं।

माँ दुर्गा बहुत सुंदर और ताकतवर थीं। उनके आठ हाथ थे, और वह हर तरह की बुराई से लड़ सकती थीं। माँ दुर्गा को देखकर सभी देवता बहुत खुश हुए। उन्होंने माँ दुर्गा को खास हथियार दिए, जैसे तलवार, भाला और ढाल। उन्होंने उन्हें सुंदर गहने और कपड़े भी दिए। हिमालय पर्वत ने माँ दुर्गा को एक शेर दिया, जिस पर वह सवारी करती थीं। माँ दुर्गा अब पूरी तरह तैयार थीं।

फिर माँ दुर्गा और महिषासुर के बीच एक बहुत बड़ी लड़ाई हुई। महिषासुर ने सोचा कि वह माँ दुर्गा को हरा देगा, लेकिन वह गलत था। माँ दुर्गा न देवता थीं और न इंसान, इसलिए महिषासुर का वरदान उनके सामने काम नहीं आया। माँ दुर्गा ने अपनी ताकत और हिम्मत से महिषासुर को हरा दिया। उन्होंने उसे मार दिया, और बुराई खत्म हो गई।

महिषासुर के मरने के बाद धरती, स्वर्ग और पाताल में शांति आ गई। लोग बहुत खुश हुए। उन्होंने माँ दुर्गा को धन्यवाद दिया। आज भी लोग माँ दुर्गा को अपनी माँ और रक्षक मानते हैं। माँ दुर्गा हमें सिखाती हैं कि हमें हमेशा बुराई से लड़ना चाहिए और अच्छे बनना चाहिए। वह हमें यह भी सिखाती हैं कि हमें सबके साथ प्यार और शांति से रहना चाहिए।

कहानी से सीख: हमें हमेशा अच्छाई के लिए लड़ना चाहिए और बुराई को हराना चाहिए। माँ दुर्गा की तरह हमें हिम्मत रखनी चाहिए और सबके साथ प्यार से रहना चाहिए। हमेशा सही काम करना चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए।

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