सूर्यदेव की आरती | Surya Dev Aarti Lyrics in Hindi

Surya Dev Aarti Lyrics in Hindi: “ॐ जय सूर्य भगवान” एक सुंदर भक्तिपूर्ण स्तुति है जो भगवान सूर्य की महिमा का गुणगान करती है। इस भजन में सूर्यदेव को दिनकर, त्रिगुणस्वरूप, त्रिकाल के रचयिता और सृष्टि का जीवनदाता कहा गया है।

सूर्य चार भुजाओं वाले सप्त अश्वों के रथ पर सवार है; प्रातःकाल उठता है, पूरी दुनिया जागती है, और जब वह संध्या में अस्त होता है, तो गोधूलि की पावन बेला सबको खुशी मिलती है।

यह भजन सूर्य भगवान की तेज, ज्ञान और ऊर्जा की प्रशंसा करता है, साथ ही बताता है कि सभी जीव-जंतु, ऋषि-मुनि, वेद-पुराण और दिशाएं उनकी आराधना करते हैं।

“ॐ जय सूर्य भगवान” भजन से एक भक्त को सूर्यदेव से बल, बुद्धि, स्वास्थ्य और नई ऊर्जा पाने की प्रेरणा मिलती है। यह स्तोत्र हर दिन प्रातः या संध्या में गाया जाएगा, तो जीवन को सकारात्मक ऊर्जा और दिव्यता मिलेगी।

Surya Dev Aarti Lyrics in Hindi

🌸 🌼 🌺 🌹सूर्यदेव की आरती | Surya Dev Aarti Lyrics in Hindi🌸 🌼 🌺 🌹

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान…।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
🌸 🌼 🌺 🌹 धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।। 🌸 🌼 🌺 🌹

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