Ram ke Naam Bina Re Murakh Lyrics | राम के नाम बिना रे मूर्ख

भजन “राम के नाम बिना रे मूर्ख” भगवान राम को समर्पित है, जो हिंदू धर्म में मर्यादा पुरुषोत्तम और भक्ति के प्रतीक हैं। यह एक संशोधित भजन है, जो मूल रूप से “जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के बिना” का हिस्सा है, और राम के नाम की महिमा को गाता है।

मंदिरों, कीर्तन सभाओं, और राम नवमी जैसे पवित्र अवसरों पर गाए जाने वाला यह भजन भक्तों के बीच गहरी आध्यात्मिक भावना जगाता है। इसकी लय और शब्दों की सादगी इसे व्यक्तिगत प्रार्थना और सामूहिक

ram ke naam bina re murakh lyrics

🌸Ram ke Naam Bina Re Murakh Lyrics🌸

🌸🌸राम के नाम बिना रे मूर्ख🌸🌸

जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के नाम बिना रे मूर्ख
राम के नाम बिना रे मूर्ख, राम के नाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के नाम बिना रे मूर्ख

पंछी पंख बिना, बिच्छू डंक बिना
आरती शंख बिना, गणित अंक बिना
कमल पंक बिना, निशा मयंक बिना
ब्यर्थ भ्रमण चिंतन भाषण, हरि के नाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के नाम बिना रे मूर्ख

क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञान बिना
घर संतान बिना, देह प्राण बिना
हाथ दान बिना, भोजन मान बिना
हम सब का बेकार है जीना, रघुवर नाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के नाम बिना रे मूर्ख

प्रिया कांत बिना, हस्ती दंत बिना
आदि अंत बिना, वेद मंत्र बिना
मठ महंत बिना, कुटिया संत बिना
भजन बिना नर ऐसे जैसे, अश्व लगाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के नाम बिना रे मूर्ख

पुष्प बाग बिना, संत त्याग बिना
गाना राग बिना, शीश नमन बिना
नयन दरस बिना, नारी सुहाग बिना
संत कहे ये जग है सूना, आत्म ज्ञान बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के नाम बिना रे मूर्ख

जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के नाम बिना रे मूर्ख
राम के नाम बिना रे मूर्ख, राम के नाम बिना
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के नाम बिना रे मूर्ख|

🌸जय श्रीराम!🌸

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